तुमने कभी इश्क़ न किया दिल से न कभी कोशिश भी की निभाने की बस अपनी मनमानी करते रहे तुम कसर न छोड़ी मेरा दिल दुखानेकी *Written By: **JN Mayyaat*
Monday 28 September 2015
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Online Astrology Courses
Astro Courses
Learn Our Online Astrology, Vastu Courses and Consultation - Acharya Ganesh
Online Astrology Courses
Online Astrology Consultation
Acharya Ganesh
J N Mayyaat is Songs, Poem, Gazal Writer
My Blog List
Popular Posts
-
तेरी ही ज़ुबां में, तेरे ही जुनून में, तेरी हर अदा में इश्क़ है... मख़मली जवाँ तेरी साँसों में इश्क़ है । दिवाना-ए-आब हर झंकार में इश्क...
-
Koi samjhae Ki Hume hua Kya he Na samajh dard e dil ki dawa Kya he Kab tak Tarsegi meri aankhe Tere Deedaar Ke Lie Ae khuda tu hi bata...
-
यूँ ही रंजिशों में गुज़रते रहे वो पल कभी तू खफा तो कभी में चाहतों के मोड़ भी आते जाते रहे न कभी तू रुका न कभी में बस आग ही आग जल्ति रही दि...
-
तुमने कभी इश्क़ न किया दिल से न कभी कोशिश भी की निभाने की बस अपनी मनमानी करते रहे तुम कसर न छोड़ी मेरा दिल दुखानेकी *Written By: **JN Mayy...
-
फरिश्तों का इश्क़ मुकम्मल हुआ हो शायद इंसान आज भी तरसता हे मोहोब्बत पाने के लिए चंद खुशनसीब को नसीब हुई हो वो बारिश शायद हज़ारों तैयार बै...
-
छोड़ के मुझे वो खुश हे तो फिर शिकायत कैसी उन्हें खुश भी न देख पाऊं तो फिर मोहोब्बत कैसी दिल और जान तो हम कबका करचुके तेरे नाम जान लेन...
-
खूब थे वो बचपन के दिन जहां सुन्दर सपना दीखता था जहां भी जाती मेरी नज़र वहां सब अपना सा दीखता था डगमगाती हे कलम मेरी अब दुनिया की इस ...
-
आज अंधेरों मे मुझे कहीं ख़ोजाने दे सुकूं हे इन रेतों में, मुझे यहीं सोजाने दे मुम्किन नहीं सनम इस भीड़ में जीना मुझे अब तन्हाईओं का ही होज...
-
इक मुद्दत से तेरी याद न आए और तुझे भूल जाऊं में ऎसा भी नहीं दिल को मेरे चिर के देख कोई और बसा मिलजाए में ऎसा भी नहीं मगर हो तेरी आँ...
-
तेरी सख़्तियों में भी एक राहत सी हे ज़िन्दगी जैसे तेरी चाहत सी हे तेरी यादों का भी जवाब नहीं सनम हवाओं में भी तेरी ही महक छाई हे ...
Categories
Blog Archive
-
▼
2015
(12)
-
▼
September
(9)
- छोड़ के मुझे वो खुश हे
- आज फिर तन्हा में बैठा, तुम साथ मेरे चल न पाओगे
- फरिश्तों का इश्क मुकम्मल हुआ हो शायद
- तुमने कभी इश्क़ न किया दिल से न कभी कोशिश भी की निभ...
- इक मुद्दत से तेरी याद न आए और तुझे भूल जाऊं में ऎस...
- खूब थे वो बचपन के दिन जहां सुन्दर सपना दीखता था
- तेरी सख़्तियों में भी एक राहत सी हे
- Today, sitting in the sequestered
- Today, in the shadow give me somewhere Khojane
-
▼
September
(9)
J N Mayyaat. Powered by Blogger.
0 comments:
Post a Comment